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Wednesday, February 2, 2022

What is tax audit under section 44ab/ tax audit kaise hota h

Tax audit kya hota h

Tax audit en conditions me hota h

what is tax audit u/s 44 AB in hindi

– एक करदाता को अलग -अलग law के हिसाब से अपने खातों की ऑडिट करवानी पड़ती है, जैसे – Cost ऑडिट, Stock ऑडिट, Statutory ऑडिट आदि।

इसी प्रकार इनकम टैक्स एक्ट 1961 के अनुसार भी करदाता को अपने खातों की ऑडिट करवानी पड़ती है जिसे टैक्स ऑडिट कहा जाता है। टैक्स ऑडिट इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 44AB में की जाती है।

हालाँकि, Tax Audit उसी केस में करवाई जाएगी, जब इनकम टैक्स एक्ट के अनुसार इसे करवाना आवश्यक होगा।

टैक्स ऑडिट में एक organisation या individual के बुक्स ऑफ़ अकाउंट्स की जाँच की जाती है और एक CA द्धारा इसे वेरीफाई किया जाता है कि टैक्सपेयर के अकाउंट्स में दिखायी गयी Details सही है या नहीं।

Tax Audit करने के बाद करदाता की इनकम टैक्स रिटर्न फाइल की जाती है, जो कि ऑडिट किये गए अकाउंट्स से मेल खानी चाहिये ।

इनकम टैक्स एक्ट 1961 के अनुसार टैक्स ऑडिट सिर्फ एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (C.A) द्वारा ही की जा सकती है। किसी भी अन्य प्रोफेशनल (CS, CMA ) द्धारा इसे नहीं किया जा सकता। एक C.A. द्वारा एक फाइनेंसियल ईयर (F.Y.) में अधिकतम 60 टैक्स ऑडिट की जा सकती है।

what is tax audit u/s 44 AB in hindi

इनकम टैक्स एक्ट 1961 के अनुसार सेक्शन 44 AB में टैक्स ऑडिट की जाती है, जो कि निम्न करदाताओं के लिए अनिवार्य है –

  1. बिज़नेस के केस में –  कोई पर्सन बिज़नेस करता है और उस बिज़नेस की Total sales, या टर्नओवर या Gross Receipts एक फाइनेंसियल ईयर में 1 करोड* से अधिक है, तो उस पर्सन को टैक्स ऑडिट करवाना जरुरी है।
  2. Presumptive बिज़नेस ( सेक्शन 44 AD) के केस में Total sales, या टर्नओवर या Gross Receipts एक फाइनेंसियल ईयर में 2 करोड से अधिक है।
  3. प्रोफेशन के केस में – यदि उस प्रोफेशन की Gross receipts 50 लाख से अधिक है, तो Tax Audit करवानी अनिवार्य है।
  4. पर्सन covered U/S 44 AE, 44 AF, 44 BB, 44 BBA – यदि इन सेक्शन में आने वाले पर्सन ये क्लैम करते है कि इनकी बिज़नेस से इनकम इन सेक्शन में बताई गयी लिमिट से कम है।
  5. सेक्शन 44AD, 44ADA में covered करदाता यह क्लेम करते है कि उनकी नेट इनकम इन सेक्शन में बताई गयी लिमिट से कम है और उनकी इनकम Basic Exemption Limit से ज्यादा है।
बजट 2020 में एक बिज़नेस पर्सन के लिए टैक्स ऑडिट करवाने की लिमिट 1 करोड़ से बढाकर 5 करोड़ कर दी गयी है ,लेकिन 5 करोड़ की लिमिट तब एप्लीकेबल होगी जब आपकी कुल receipts के 5 % से अधिक cash में कोई राशि प्राप्त न हो और आपके कुल खर्चो के 5 % से अधिक ट्रांजेक्शन कैश में भुगतान नहीं हो।

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