जीएसटी रेड के लिए खोज प्रक्रिया! GST Raid Process
जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के अंतर्गत, अधिकारियों द्वारा छापा मारने की प्रक्रिया को विभिन्न चरणों में विभाजित किया गया है। यह प्रक्रिया निम्नलिखित है:
1. सूचना
एकत्र करना (Information
Gathering):
- संदिग्ध
व्यापारियों या संस्थाओं की
गतिविधियों के बारे में
जानकारी जुटाई जाती है। यह
जानकारी विभिन्न स्रोतों से प्राप्त हो
सकती है, जैसे अन्य
करदाताओं से शिकायतें, डेटा
एनालिटिक्स, या खुफिया जानकारी।
2. अनुमति
प्राप्त करना (Obtaining
Authorization):
- छापा
मारने के लिए सक्षम
अधिकारी से लिखित अनुमति
(Authorization) प्राप्त
करना अनिवार्य होता है। यह
अनुमति जीएसटी अधिनियम की धारा 67 के
अंतर्गत दी जाती है।
3. टीम
का गठन (Formation of Team):
- रेड
करने के लिए एक
टीम का गठन किया
जाता है जिसमें विभिन्न
विभागों के अधिकारी शामिल
होते हैं। टीम को
विशिष्ट निर्देश और कार्य विभाजन
दिया जाता है।
4. छापा
मारना (Conducting the
Raid):
- टीम
निर्धारित स्थान पर पहुंचकर छापेमारी
शुरू करती है। छापेमारी
के दौरान टीम को किसी
भी प्रकार की रुकावट या
विरोध का सामना करना
पड़ सकता है, जिसके
लिए उन्हें पहले से तैयार
रहना चाहिए।
5. दस्तावेजों
की जांच (Examination of
Documents):
- व्यापार
स्थल पर उपलब्ध सभी
महत्वपूर्ण दस्तावेजों, रजिस्टरों, कंप्यूटर डेटा, इनवॉइस आदि की जांच
की जाती है।
6. जब्ती
(Seizure):
- यदि
कोई अनियमितता या कर चोरी
के साक्ष्य मिलते हैं, तो संबंधित
दस्तावेजों और वस्तुओं को
जब्त कर लिया जाता
है।
7. रिपोर्ट
तैयार करना (Preparation of
Report):
- रेड
के बाद पूरी कार्रवाई
की एक विस्तृत रिपोर्ट
तैयार की जाती है,
जिसमें सभी जब्त वस्तुओं,
दस्तावेजों, और कार्रवाई का
विवरण होता है।
जीएसटी के अंतर्गत अपराध
और दंड
जीएसटी अधिनियम के तहत विभिन्न
प्रकार के अपराधों और
उनके लिए निर्धारित दंड
का उल्लेख किया गया है।
कुछ प्रमुख अपराध और उनके दंड
निम्नलिखित हैं:
1. जीएसटी
का पंजीकरण नहीं कराना (Non-Registration):
- यदि
कोई व्यक्ति जीएसटी पंजीकरण नहीं कराता जबकि
वह अनिवार्य है, तो उस
पर 10,000 रुपये या जितनी कर
की राशि बची है,
उसमें से जो भी
अधिक हो, का जुर्माना
लगाया जा सकता है।
2. झूठी
सूचना देना (False Information):
- यदि
कोई व्यक्ति जानबूझकर झूठी जानकारी या
गलत दस्तावेज प्रस्तुत करता है, तो
उस पर 10,000 रुपये या जितनी कर
की राशि बची है,
उसमें से जो भी
अधिक हो, का जुर्माना
लगाया जा सकता है।
3. इनवॉइस
के बिना सप्लाई (Supply without Invoice):
- बिना
इनवॉइस के सामान की
आपूर्ति करने पर, 10,000 रुपये
या जितनी कर की राशि
बची है, उसमें से
जो भी अधिक हो,
का जुर्माना लगाया जा सकता है।
4. इनपुट
टैक्स क्रेडिट का गलत दावा
(Wrong Claim of Input Tax Credit):
- यदि
कोई व्यक्ति गलत तरीके से
इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करता
है, तो उस पर
10,000 रुपये या जितनी कर
की राशि बची है,
उसमें से जो भी
अधिक हो, का जुर्माना
लगाया जा सकता है।
5. कर
चोरी (Tax Evasion):
- कर
चोरी की स्थिति में,
पकड़े जाने पर कर
राशि के अलावा जुर्माना
और ब्याज भी लगाया जाता
है। गंभीर मामलों में, जेल की
सजा भी हो सकती
है।
यहाँ पर उल्लेखित
प्रक्रियाएँ और अपराध जीएसटी
के अंतर्गत लागू नियमों और
कानूनों का हिस्सा हैं।
इनका पालन न करने
पर कानूनी कार्यवाही और दंड का
सामना करना पड़ सकता
है।
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