GST अधिनियम की धारा 46 उन करदाताओं को नोटिस जारी करने से संबंधित है जो नियत तिथि तक अपने रिटर्न प्रस्तुत करने में विफल रहते हैं। इस नोटिस का उद्देश्य करदाता को उनके लंबित रिटर्न दाखिल करने की याद दिलाना और प्रेरित करना है।
मुख्य बिंदु:
1. नोटिस का जारी होना: यदि करदाता नियत तिथि तक आवश्यक रिटर्न दाखिल करने में विफल रहता है, तो कर अधिकारी धारा 46 के तहत नोटिस जारी कर सकते हैं।
2. समय सीमा: नोटिस में वह समय सीमा निर्दिष्ट होगी जिसके भीतर करदाता को लंबित रिटर्न दाखिल करना होगा।
3. अनुपालन न करने के परिणाम: यदि करदाता नोटिस का पालन नहीं करता है और निर्दिष्ट समय के भीतर रिटर्न दाखिल नहीं करता है, तो आगे की कार्रवाइयाँ की जा सकती हैं, जिसमें सबसे अच्छे निर्णय के आधार पर कर देयता का आकलन और दंड का आरोपण शामिल है।
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Section 46 of the GST Act pertains to the issuance of a
notice to taxpayers who fail to furnish their returns by the due date. The
purpose of this notice is to remind and prompt the taxpayer to file their
pending returns.
Key Points:
1. Issuance of Notice: If a taxpayer fails to file the
required returns by the due date, the tax authorities may issue a notice under
Section 46.
2. Time Frame: The notice will specify a time frame within
which the taxpayer must file the pending returns.
3. Consequences of Non-compliance: If the taxpayer fails to
comply with the notice and does not file the returns within the specified time,
further actions may be taken, including the assessment of tax liability based
on best judgment and imposition of penalties.
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