Thursday, July 29, 2021

HUF: टैक्स बचाने का एक और तरीका

 

HUF: टैक्स बचाने का एक और तरीका

एचयूएफ (हिंदू अविभाजित परिवार) इनकम टैक्स में बचत करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है क्योंकि इनकम टैक्स विभाग एचयूएफ को हमारी-आपकी तरह एक अलग इकाई के तौर पर देखता है। कैसे बनाया जाता है एचयूएफ 


कैसे बनता है एचयूएफ

- हिंदू अविभाजित परिवार बनाने के लिए एचयूएफ के नाम एक बैंक खाता खुलवाना होता है। यह खाता परिवार के मुखिया (कर्ता) के नाम होता है, लेकिन उसके नाम के बाद एचयूएफ शब्द जुड़ा होता है। यह कर्ता के नाम होता है लेकिन इसमें थोड़ी तब्दीली संभव है। जैसे कर्ता दीपक गर्ग, दीपक गर्ग एंड संस एचयूएफ के नाम से बैंक खाता खुलवा सकता है।

- इसके बाद एचयूएफ पैन कार्ड के लिए आवेदन किया जाता है।

- पैन कार्ड भी कर्ता के नाम होता है, लेकिन उसके अंत में एचयूएफ शब्द जुड़ा होता है।

कौन है कर्ता

- इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक परिवार में पिता या वरिष्ठ पुरुष सदस्य ही एचयूएफ का कर्ता होगा। कर्ता की भूमिका परिवार के मैनेजर की होती है और एचयूएफ के सारे सदस्य इसके पार्टनर की तरह होते हैं।


- कर्ता के लिए परिवार के साथ एक ही छत के नीचे रहना जरूरी नहीं है। जरूरी यह है कि वह परिवार के सारे मामलों की देखभाल करता हो।

कुछ और शर्तें

- जो शख्स एचयूएफ बनाना चाहता है, उसका शादीशुदा होना जरूरी है। कुंवारे लोग एचयूएफ नहीं बना सकते। एचयूएफ पर इनकम टैक्स में फायदा लेने के लिए घर में बच्चे का होना जरूरी है। अगर कोई पति पत्नी मिलकर एचयूएफ बनाना चाहते हैं और उनके अभी कोई बच्चा नहीं है तो वे आने वाले बच्चे का जिक्र कर भी एचयूएफ बना सकते हैं।

- हिंदू लॉ के तहत हिंदू, सिख, बौद्ध और जैन एचयूएफ के दायरे में आते हैं। इसके दायरे में पत्नी, बच्चे और बच्चों के बच्चे आ सकते हैं।

- एचयूएफ की सबसे छोटी इकाई पति-पत्नी हो सकते हैं। यानी इसके लिए परंपरागत अर्थों में संयुक्त परिवार का होना जरूरी नहीं है।

- बड़ा संयुक्त परिवार भी एचयूएफ हो सकता है।

- रिश्तेदार या दोस्त से गिफ्ट लेकर एचयूएफ बनाए जा सकते हैं।

- एचयूएफ के सदस्य एचयूएफ को गिफ्ट नहीं दे सकते। एचयूएफ के किसी एक सदस्य द्वारा दूसरे सदस्य को पैसे गिफ्ट देने पर छूट नहीं मिलेगी। ऐसे में करदाता अपने नाम से नया हिंदू अविभाजित परिवार बना सकते हैं। नया एचयूएफ बनाने की प्रक्रिया बेहद सरल और आसान है।

- दूसरी तरफ कोई शख्स अपनी संपत्ति का कुछ हिस्सा व्यक्तिगत करदाता के नाम के बजाय एचयूएफ को दे सकता है। इससे टैक्स से छूट का फायदा एचयूएफ को मिलेगा।

- अगर एचयूएफ के किसी एक मेंबर या कर्ता की मौत हो जाती है, तो भी एचयूएफ बरकरार रहेगा।

- नए नियमों के तहत किसी व्यक्ति या एचयूएफ की कुल इनकम 10 लाख रुपये से ज्यादा है तो ई-रिटर्न भरना जरूरी होगा।

- पत्नी के साथ अलग एचयूएफ नहीं बनेगा। एक परिवार में एक ही एचयूएफ होना बेहतर होगा। एचयूएफ के सदस्य परिवार के दूसरे सदस्यों के साथ एचयूएफ बना सकते हैं।

क्या हैं फायदे

- एचयूएफ बनाने के बाद अपनी आमदनी पर आदमी दो तरह से फायदा ले सकता है। एक तो इंडिविजुअल और दूसरा एचयूएफ के सदस्य के नाते। इस तरह एक व्यक्ति 1.70 लाख रुपये की टैक्स छूट का फायदा व्यक्तिगत तौर पर और दूसरी बार 1.70 लाख रुपये का फायदा एचयूएफ के रूप में ले सकता है।


- जिन लोगों के पास पैतृक संपत्ति है या जिन्हें परिसंपत्तियां वसीयत में मिली हैं, वे एचयूएफ का सबसे ज्यादा फायदा उठा सकते हैं।

- एचयूएफ की पूंजी बनाने का सबसे बेहतर तरीका है, वसीयत से मिली परिसंपत्तियों को एचयूएफ में शामिल किया जाए।

- अगर कोई पुश्तैनी जायदाद बेची जाती है तो उससे मिली रकम को भी एचयूएफ को ट्रांसफर किया जा सकता है।

- सैलरीड लोग पैतृक संपत्ति जैसे प्रॉपर्टी आदि से होने वाली आमदनी पर टैक्स बचत के लिए एचयूएफ का सहारा ले सकते हैं।

- एचयूएफ पीपीएफ खाता भी खुलवा सकते हैं। पीपीएफ अकाउंट की ब्याज दर हर साल के लिए तय होती है और इसमें जोखिम नहीं है।

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